वंदे है भारती, मातरम तु भारती
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
स्वयंप्रभा समुज्व्ला संप्रभुता पुकारती
स्वयंप्रभा समुज्व्ला संप्रभुता पुकारती
वंदे तू है भारती मातरम भी भारती
वंदे तू है भारती मातरम भी भारती I
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
त्रिशूल खडग बाण से दुश्मनों को ताड़ती
त्रिशूल खडग बाण से दुश्मनों को ताड़ती
अपने रौद्र रूप से शत्रु को संहारती
अपने रौद्र रूप से शत्रु को संहारती
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
पुष्प धूप दीप से हम करेंगे आरती
पुष्प धूप दीप से हम करेंगे आरती
मातृभूमि रक्षा को देंगे अपनी आहुति
मातृभूमि रक्षा को देंगे अपनी आहुति
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
स्वयंप्रभा समुज्व्ला संप्रभुता पुकारती
स्वयंप्रभा समुज्व्ला संप्रभुता पुकारती
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
वंदे है भारती, मातरम तु भारती
द्वारा – डॉ कृष्ण कुमार सिंह
गोमती नगर, लखनऊ ।