लाल किले की दीवार को अब और ना चटकाइए
घड़ियाली आंशू से लोगो को ना बरगलाइए
सेकने की खातिर चंद सियासी रोटियां
भोले भाले किसानों को जवानों से ना भिडाइए।
लाल किले की दीवार को अब और ना चटकाइए
घड़ियाली आंशू से लोगो को ना बरगलाइए
सेकने की खातिर चंद सियासी रोटियां
भोले भाले किसानों को जवानों से ना भिडाइए।