कोरोना बाबा कहाँ रहीं रवा आज तक?
बड़ भाई अउर बहिन के गोर लाग तानी। लंगोटिया अउर जवारी भाई लोग के परणाम बा। छोटका बउआ अउर बुचीयन के ढ़ेर मनी दुलार।
आज हमरा कुछ अपना मातृभाषा मे लिखे के मन करत रहे त सोचनी ह कि एगो बयंग लिख दिही। रवा लोगन के साथ चाहीं। एकर ऊदेस केहु के मन दुखईला के नईखे।
जब से ई कोरोना बाबा आइल बारन तबे से ढ़ेर लोग के निक नईखे लागत। हो सक ता कि एकरा से ढ़ेर लोग के नुकसान भइल होखी। लेकिन हम एकरा दूसरा तरह से देख तानी।
चलीं हम अपना घरे से ही सुरू कर तानी। महीनवा के खरचा बचे लागल बा। पहिले मेहरारू रोज क़हत रहे कि जा तानी बजार कुछों लावे। दु महीना से कह तानी कि जा हो बजार से कुछों ले आव अपना खातिर। पाता ना काहे दूनी जाते नईखे। एक दिन कहनी कि का हो सिनेमा चलबु। कह तिया कि जियब ता रोज जाइब सिनेमा। बबुववा रोज क़हत रहे पापा फोचका खाइम, आइसकीरिम खाइम लाग ता कि ओकरो कोरोना बाबा के बारे मे मालूम हो गइल बा। रोज ढ़ेर मनी बिना बोलावल मेहमान आ जात रहन। आज काल त कोई बोलाइलों से नईखे आवत।
रोडवा पर घूमे निकलत रहीं त केतना मनी गारी धुआँ उरावत निकल जात रहन स। अब गारी कमे लउकता। करखनवा से कचरा निकाल निकाल के गंगा माई के गंदा क देले रहन स बकचोनहर सब।
केतना मनी लोग अपना माई बाबू के साथे नईखे रखले लेकिन बिदेसी कुकुर साथे तोसकवा पर सुतावेलन। भोर होतही अपने हगिहें चाहे ना कुकुरा के बीच रोडे प हगा दिहे। आज काल उ लोग कमे लउकता। केतना बनेचर बबरी चीर के छौरी से मिले बगईचा चल जात रहन । आज काल उहो लोग नईखे लउकत। मछीझोकना बलतकारी अउर चोर-चाई बिल मे घुस गइल बारन स।
नेतवा सभ त पहिले जईसन लउकते नईखन स। आदमियो के बुझा गइल बा कि इ लोग खाली भोट मांगे आई लोग। हस्पताल अउर दवाई देवे ना। इ लोग के बिदेस दौरा भी बंद हो गइल बा। जन मजूर गाँव के खेत बधार छोर के बम्बई गइल रहे लोग हाई फाई जिनदिगी जिये। उहाँ के सरकार एको दिन ना खिया पइलस। अउर जा ससुर तनाही लोग। उहाँ के लोग तू लोग के दुवरा प बईठ के आरती उतारी लोग। दांत चियार के आ गइलन लोग उहाँ से। घूसखोर अफसर के कमिसनवो बंद हो गइल बा। काम कम बा त दललियों बंद हो गइल बा। अब उहो लोग के बाथ ता। केतना आदमी त रोड प चिपा जात रहे लोग। अब कम से कम घर मे बाचल बारन। बियाह मे ढ़ेर लोग खाना फेकत रहे अउर रुपैया उरावत रहे। अब इ बाजा ना बाजी। ना रही बांस ना बजईब बंसुरी। कोरोनवा ना अइतस त हमनी के जानियो ना पईति जा कि चीन के जिनपिंगवा एतना चोट्टा ह। एही से कहनी ह कि कोरोना बाबा कहाँ रहीं रवा आज तक।
कोई के बुरा लागल होई त लगावत रह। तू अपना घरे हम अपना घरे।
राउर किरिसना बाबू
आरा जिला घर बा, कउन बात के डर बा।