डॉ एपीजे अब्दुल कलाम

मेरे सर्वप्रिय महापुरुष डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 🙏 के जन्मदिवस (15 अक्टूबर) के अवसर पर उन्हें समर्पित मेरी कविता l धन्य हुआ वो जन्मभूमि जिसने ये उपहार दी तमिल क्षेत्र के रामेश्वरम ने देश को सौगात दी जुल्फ लम्बे दिल से सच्चे चेहरे पे मुस्कान एक हाथ मे था गीता एक मे कुरान ललाट पर […]

लोपतंत्र मे जन गण मन कठपुतली हैं

कि लोपतंत्र मे जन गण मन कठपुतली हैं एक बुराई को दुजे से वे तोले नारी को ही सभ्य बनाने को बोले लोपतंत्र मे जन गण मन कठपुतली हैं। कि लोपतंत्र मे जन गण मन कठपुतली हैं अतीत के महिमामंडन को अब छोड़ो महिलाओं को जाति से भी ना जोड़ो लोपतंत्र मे जन गण मन […]

स्व. अमर श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर विशेष

धन्य भाग्य वो भारत भूमि  जिसमें हुए एक लाल देश के संघर्षो की अग्नि मे तप के पले बढ़े वे लाल देश के आज़ादी के स्वप्न सुधा मे बढ़े चले वे सतत निरंतर गिरफ़्तार हो कर के भी, अडिग रहे नवचल पथ पर। धन्य भाग्य वो भारत भूमि  जिसमें हुए एक लाल देश के कर्मयोग […]

आज थल सेना दिवस के अवसर पर अपने शूर वीर के लिए

ये नक्शा नक्श नहीं है इसमें वीरो की जवानी है किसी की मांग की सिंदूर किसी मा की निशानी है मेरी मिट्टी को मत तकना तू अपनी नीची (उल्टा) आंखो ने मिटा देंगे तेरी हस्ती हमारे वीर जवानों ने। ये हिंदोस्ता नया है इसकी बाजू मे रवानी है बदलते हिंद के ताकत की फौलादी कहानी […]

नेता जी के जन्म दिवस पर विशेष

जिसने किया चरणों का चारण सिंहासन का उपहार मिला जिसने छानी धूप ख़ाक की आजीवन प्रहार मिला जिसने किया मिथ्या को धारण सूना सनकी आचार मिला जिसने धरती पर पांव धरे प्रदीप्त दिनकर पतवार मिला ना डर पथिक तू अपने बंजर सूखी पगडंडी पर लक्ष्य साध तू एक चला चल अविचल मंजिल के पथ पर। […]

लुटियन्स दिल्ली/कैपीटोल दिल्ली

भारत माता की छाती जोर जोर से चीत्कार उठी आतंकियों के दुस्साहस से जब लाल किले की प्राचीर टूटी इसी दिन की खातिर क्या हमने सत्ता सौंपी थी नृशंस बर्बरता के आगे क्यों साधी सबने चुप्पी थी। इस बार हमको मिला सिला अपने घर के चंद गुंडों से लहूलुहान हुआ लाल किला अपने ही प्रपंचों […]

मै हार गया तू जीत गई

मै हार गया तू जीत गई भावो पर प्रहार कर निश्च्छल हृदय पर वार कर इतराती इठलाती अपने मन को प्रीत गई मै हार गया तू जीत गई ख्वाबों को चयनित कर देखे थे सपने मिलकर अपने खातिर संघर्ष करेंगे मै रहा अटूट तू टूट गई मै हार गया तू जीत गई। आशंका थी जो […]

ये नक्शा नक्श नहीं है

ये नक्शा नक्श नहीं है इसमें वीरो की जवानी है किसी की मांग की सिंदूर किसी मा की निशानी है मेरी मिट्टी को मत तकना तू अपनी नीची (उल्टा) आंखो ने मिटा देंगे तेरी हस्ती हमारे वीर जवानों ने। ये हिंदोस्ता नया है इसकी बाजू मे रवानी है बदलते हिंद के ताकत की फौलादी कहानी […]

लाल किले की दीवार

लाल किले की दीवार को अब और ना चटकाइए घड़ियाली आंशू से लोगो को ना बरगलाइए सेकने की खातिर चंद सियासी रोटियां भोले भाले किसानों को जवानों से ना भिडाइए।

जय मां सरस्वती

वीरों का त्योहार बासंती पीले सरसो की हार बासंती गावों के खलिहानों में गलियों के चौबारो मे तीजो मे त्योहारों मे विद्या देवी अधिष्ठात्री सुर संगीत की जननी जयती चरणों मे हो आसक्ति जय जय जय मां सरस्वती 🙏